Tuesday, July 8, 2008

अनाम चिट्ठा


केवल रहस्य हो तो आकर्षण होगा जरूरी नहीं, रहस्य का तिलिस्मी होना जरूरी है, संभवतः अनामदास का चिट्ठा ऐसा ही रहस्यमयी तिलिस्म है. ब्लॉगर ने अपना परिचय नहीं दिया है मगर उनकी लगभग हरेक पोस्ट पर आई टिप्पणियों में संतोष, प्रशंसा, उत्सुकता और नई पोस्ट पढ़ने की बेचैनी व निवेदन दिखाई देता है. मौजूदा पोस्ट्स का चरित्र आपस में बेमेल नहीं है और अक्सर नॉस्टेलजिया की छाया भी दिख जाती है. इसका लिंक है-

2 comments:

ताऊ रामपुरिया said...

बुल्ला की जाणा मैं कौण ?
बहुत खूब !
शुभकामनाए'

Pooja Prasad said...

Appki Shubhkamanyon ke liye dhanywaad P.C. jee.